सनातन हिंदू धर्म शिक्षा
विश्व मंदिर परिषद ऑनलाइन पाठ्यक्रम
शैक्षणिक सहयोग - भीष्म स्कूल ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टिम्स
आइए.... हिंदू धर्म का अध्ययन करें... जानें, समझें... अपनी भावी पीढ़ी को धार्मिक शिक्षा से अवगत कराएं... प्रत्येक हिंदू के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम - हिंदू धर्म का आवश्यक ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक पाठ्यक्रम...
सनातन हिंदू धर्म शिक्षा
हिंदू धर्म को सरल भाषा में जानें - सनातन हिंदुत्व और हिंदू धर्म शिक्षा... आज हर हिंदू को सनातन हिंदू धर्म का ज्ञान होना जरूरी है और यह हमारे अस्तित्व के लिए बहुत जरूरी है। सबसे प्राचीन, सबसे प्राचीन, सबसे वैज्ञानिक, सबसे स्वतंत्र, सबसे सुखद, जीवन का सर्वोत्तम बोध रखने वाला, ईश्वर के करीब लाने वाला, सबको साथ लेकर आगे बढ़ने वाला, सबके सुख, समृद्धि, व्यक्तिगत संतुलन का सपना पूरा करने वाला , समाज और पर्यावरण - प्रकृति - ब्रह्माण्ड... का संरक्षण करने वाला हमारा हिन्दू धर्म हजारों वर्षों से चला आ रहा है।
सनातन हिंदू वैदिक संस्कृति एवं धार्मिक परंपरा जो कभी नष्ट नहीं होती...जिसे कोई समाप्त नहीं कर सकता, कोई नष्ट नहीं कर सकता...क्योंकि सबसे शक्तिशाली एवं शक्तिशाली राजाओं, सम्राटों एवं महापुरुषों ने हिंदू धर्म को पुनः स्थापित किया है।
ऐसा हमारा विश्वास है...
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥
भगवान तो अवतार लेंगे ही लेकिन अब हम सबको हिंदू धर्म की रक्षा स्वयं करनी होगी.. श्री राम, श्री कृष्ण आदि. शिवाजी महाराज, झाँसी की रानी बनना चाहते हैं... धर्मो रक्षति रक्षित: हालाँकि यह सच है, लेकिन इसके लिए सनातन हिंदू धर्म का ज्ञान आवश्यक है!
आशीर्वाद
स्वामी गोविंददेवगिरी महाराज
मार्गदर्शक
नीरज अत्री
प्रमुख मार्गदर्शक
मदन महाराज गोसावी
मार्गदर्शक
अभिजित जोग
तंत्रज्ञान मार्गदर्शक
डॉ. विजय भाटकर
मार्गदर्शक
डॉ. नरेंद्र जोशी
संकल्पना
प्रा. क्षितिज पाटुकले
मार्गदर्शक
काजल हिंदुस्तानी
इस कोर्स में क्या है?...?
हिंदू धर्म की प्राचीनता हिंदू शब्द कहां से आया है? यानी हिंदू शब्द की उत्पत्ति, हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथ - वेद, उपनिषद, दर्शन, पुराण, रामायण, महाभारत, मनुस्मृति आदि, शक्तिशाली पौराणिक सम्राटों और राजाओं के बीच मतभेद, धर्म और धर्म, इब्राहीम यानी सेमेटिक संप्रदायों का तुलनात्मक अध्ययन, 10 विशेषताएं हिंदू धर्म का, भगवान, देवी, मंदिर की अवधारणा, एक हिंदू का जीवन लक्ष्य - चार पुरुषार्थ, चार आश्रम, त्रिगुण, पंचयज्ञ, चार वर्ण, एक स्वाभिमानी हिंदू होने के 108 कारण, हिंदू धर्म और धर्मनिरपेक्षता, पश्चिम की नकल क्या आधुनिकता है? शत्रुबोध का मतलब है कि हिंदू धर्म के दुश्मन कौन हैं और उनसे कैसे निपटना है, सनातन धर्म का व्यवहार में सही तरीके से उपयोग कैसे करना है...आदि।
अभ्यासक्रम
1) पाठ्यक्रम का उद्देश्य
2)सनातन हिंदू धर्म क्या है? - उत्पत्ति, परिभाषा, भूगोल
3) धर्म क्या है? - परिभाषा, हिंदू धर्म का अर्थ है सनातन धर्म! वैदिक धर्म!
4) धर्म क्या है? - धर्म कोई धर्म नहीं है, यह पूजा के इब्राहीम तरीकों से उत्पन्न हुआ है
5) हिंदू धर्म और अन्य पूजा पद्धतियों का तुलनात्मक अध्ययन
6) सनातन हिंदू धर्म के दस लक्षण - सार्वभौमिक भाईचारा - एक: अहं बाहु स्याम, धन का समान वितरण - तेन त्यक्तेन भुंजीथा, निःस्वार्थ कर्म - कर्माणि एव अधिकार:, बुद्धिप्रमाणवाद, पूजा पद्धति के चुनाव की स्वतंत्रता - एक सद विप्र: वदन्ति: , पूजा की स्वतंत्रता रक्षा:, पहले चतुरो वेदा:, बाद में: सशारा धनु:, विधिपालन - आचारभाव: धर्म:, अष्टांग योग - अहिंसा सत्यम अस्तेयम शौचंद्र इंद्रियग्रह:, नैतिक आचरण - साधन की विविधता:, मोक्ष
7) देवी-देवताओं एवं मन्दिरों की अवधारणा
8) हिंदू धार्मिक ग्रंथ, महान सम्राट और उनका महत्व - ग्रंथों के प्रकार, श्रुति और स्मृति ग्रंथ, महान पौराणिक सम्राट, महत्व
9) 16 संस्कार और उनका दर्शन - 16 संस्कारों की आवश्यकता, महत्व, भौतिक और आध्यात्मिक जीवन से संबंध
10) हिंदुओं का जीवन मिशन - 4 पुरुषार्थ, 4 आश्रम, तीन तप, चातुर्वर्ण्य, पंचयज्ञ
11) हिंदू धर्म का वैज्ञानिक आधार - धर्म, यज्ञ, अनुष्ठान, अनुष्ठान, त्यौहार आदि का आचरण करना।
12) हिंदू होने पर गर्व करने के 108 कारण
13) हिंदू धर्म अन्य पूजा पद्धतियों की तरह सांप्रदायिक नहीं है!
14) हिंदू धर्म और धर्मनिरपेक्षता
15) मॉडर्न का मतलब वेस्टर्न नहीं!
16)शत्रु बोध
17) सनातन हिंदू धर्म और आज का विश्व
पाठ्यक्रम संरचना:
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अवधि: एक महीना - सोमवार से शुक्रवार - दैनिक शाम - 8 से 9
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ऑनलाइन झूम व्याख्याने + व्याख्यान + ऑनलाइन परीक्षा + अध्ययन सामग्री ई-पुस्तकें, पाठ्यक्रम
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भाषा : हिंदी और मराठी - अलग-अलग बैच
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प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा.
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आयु - सभी हिंदू भाई-बहन 14 वर्ष से ऊपर
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दान शुल्क राशि - न्यूनतम रु. 500/- और अधिक
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पहला बैच 1 अगस्त 2023 से शुरू होगा।
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