top of page
11-Rules-You-Must-Follow-When-Visiting-Angkor-Wat.png

विश्व ​मंदिर परिषद

हिंदू मंदिरों और भक्तों का वैश्विक संघटन 

Brahma Temple

उद्देश्य 

भारतीय मंदिरों में एकसूत्रता, आपसी सहकार्य, समाज के सभी स्तरों से मंदिरों को जोडना, तरुणाई का प्रबोधन करना ही ‘भारतीय देवस्थान परिषद’ का प्रमुख उद्देश्य है । इस कार्य में सफलता प्राप्त करने हेतु सभी प्रकार के संसाधनों को उपयोग में लाना होगा । विशेष रुप से संपर्क साधनों की तकनीक को अधिकतम उपयोग में लाना यही इस समिति के कार्य का मुख्य सूत्र है । समिति के कार्य की व्यापकता तथा उद्देश्य इस प्रकार से हैं :

1.       मंदिरों का संगठन :

समस्त मंदिरों की समस्त जानकारी को एकत्रित करना और आपसी समन्वय बढ़ाना । प्रत्येक मंदिर के परिसर, इतिहास, विशेषताऍं, वर्तमान स्थिती, सुविधाऍं, दैनिक कार्यक्रम, उत्सव, पूजन - अर्चन आदि की जानकारी को संकलित करना तथा उस जानकारी की पुस्तिकाऍं, पत्रिकाऍं छपवाना आदि ।

2.       मंदिर सलाह - सेवा केन्द्र स्थापित करना :

मंदिरों को उनकी आवश्यकता के अनुसार सभी प्रकार की मदद उपलब्ध करवाना, जैसे - व्यवस्थापन की दृष्टि से कानूनी सलाह देना, उनकी कठिनाइयों को दूर करने में मदद करना, तकनीकी सहायता करना आदि ।

3.       ई मंदिर :

प्रत्येक मंदिर की समूची जानकारी को वेबसाईट पर उपलब्ध करवाना । सूचनापत्र तैयार करना और उसे वेबसाईट पर उपलब्ध करवाना । भक्तों के लिये ऑनलाईन पूजा, अभिषेक, अनुष्ठान, वार्षिक  सेवा आदि उपलब्ध करवाना । मंदिरों की परिपूर्ण वीडिओ डाक्युमेंट्री बनवाना और आम जनता को उसे नि:शुल्क दिखाना । ऑन लाईन दर्शन (वर्च्युअल दर्शन) तथा उत्सवों का प्रक्षेपण करवाना जिसके फलस्वरुप मंदिरों का प्रचार और प्रसार बडे पैमाने पर होगा । भौगोलिक सीमा को लाँघ कर मंदिर, भक्तजनों से सरलता से जुड़ सकेंगे ।

4.       आर्थिक सहायता :

मंदिरों के जीर्णोद्धार, भक्तनिवास, सदावर्त, वाचनालय आदि उपक्रमों के लिये आर्थिक मदद उपलब्ध करवाना ।

 

5.       भावबंधन :

प्रत्येक मंदिर में आने वाले भक्तगणों के नामों को दर्ज करवाने की व्यवस्था करना । भक्तों को वेबसाईट पर मंदिर के विविध उपक्रमों से अवगत करवाना तथा सुलभ जानकारी हेतु मोबाईल, ईमेल, व्हॅट्सअप का उपयोग करना जिससे भक्तगण तथा मंदिर के कर्मचारियों के बीच निरंतर संपर्क रखा जा सके ।

6.       मंदिर पर्यटन :

प्रत्येक मंदिर की समस्त जानकारी जैसे - विविध परंपराऍं, उत्सव, विविध उपक्रम आदि को आधुनिक तंत्रज्ञान के आधार पर देश विदेशों मे पहुँचाना । इस उपक्रम से ’मंदिर पर्यटन’ विकसित होगा और उसे बढ़ावा भी मिलेगा ।

7.       सेवा प्रशिक्षण :

मंदिरों के पुजारियों, कर्मचारियों तथा न्यासियों को समय समय से प्रशिक्षित करना । कार्यशालाओं का आयोजन करना । नए उपक्रमों के लिये प्रोत्साहित करना और मदद करना । यानी संगणक, वीडिओ, कानूनी सलाह, हिसाब, आयकर आदि का मार्गदर्शन करना ।

8.       मंदिर - एक अनुसंधान केन्द्र :

सनातन संस्कृति, मंदिर और प्राचीन भारतीय ज्ञानविज्ञान, हिन्दू धर्म, संस्कृति आदि के  बारे में पाठ्यक्रम एवं भारतीय संस्कति और पुरातन रुढ़ी - परंपराऍं आदि का अर्थ, आज के समय के अनुसार, समन्वय रख कर ऑन लाईन और इलर्निंग के माध्यम से तरुणाई तक पहुँचाना । हिन्दु देवस्थानों, मंदिरों, परंपरा, संस्कृति आदि के  बारे में अनुसंधान करना । अध्ययन, अनुसंधान के माध्यम से मंदिर संस्कृति का पुनरुज्जीवन करना ।

9.       टोल फ्री मंदिर :

तीर्थक्षेत्रों, मंदिरों की जानकारी के साथ साथ वहाँ कैसे जाया जा सकता है तथा वहाँ की व्यवस्था के बारे में मार्गदर्शन करनेवाली टोल फ्री हेल्पलाईन सेवा का प्रारंभ करना ।

10.     परंपराओं का पुनरुज्जीवन :

हिन्दु धर्म तथा भारतीय संस्कृति से जुडे विविध उपक्रमों का आधुनिक तकनीक की मदद से पुनरुज्जीवन करना । जैसे - कीर्तन, प्रवचन,नृत्य, जन्मोत्सव, संगीत, नाटक, खेल तथा परंपराओं से तरुणाई को जोड़ना ।

11.     विदेशों में स्थापित मंदिरों से समन्वय :

विदेश में बने मंदिरों से संपर्क करना, उनसे सहायता लेना तथा उनकी सहायता करना । नए कार्यक्रमों के प्रति उन्हें प्रोत्साहित करना । उनके न्यासियों को यहाँ आमंत्रित करना तथा हमारे मंदिरों के न्यासियों के साथ चर्चसत्रों का आयेजन करना ।

12.     सुरक्षा :

जिन मंदिरों को समाज के विघातक शक्तियों से खतरा है और उनसे हानी पहुँचाई जा रही हो उस ओर ध्यान देकर मंदिर को सर्वतोपरि सहायता करना । मंदिर के हितचिंतकों की सुरक्षा टोलियाँ निर्माण करना । सुरक्षा हेतु उन्हें प्रशिक्षित करना तथा कानूनी सलाह देना

bottom of page